तर्ज,भगवान तुम्हारे द्वारे पर एक
सब जीते जी के झगड़े हैं,ये मेरा है,वो तेरा है।जब तन से स्वांस निकल गई,क्या तेरा है क्या मेरा है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सब जीते जी के झगड़े हैं,ये मेरा है,वो तेरा है
हमसे पहले यहां कितनों का,सब माल खजाना छूट गया।देखा सबने कोई अपना ही,आकर के उनको लूट गया।🌺🌺🌺🌺जिस दिन तूं जग से जायेगा,कोई साथ न तेरे आएगा।तेरे अपने चिता सजाएंगे,कोई अपना आग लगाएगा।
सब जीते जी के झगड़े हैं,ये मेरा है,वो तेरा है।जब तन से स्वांस निकल गई,क्या तेरा है क्या मेरा है।
झूठे रिश्ते झूठे नाते,झूठी बातों में खोया है।इस झूठी दुनियां में फंसकर,हर कोई एकदीन रोया है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरी क्या जग में हस्ती है,ये बेईमानों की बस्ती है।तुझको भी भुला देगी प्यारे,ये दो पल रोकर हंसती है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सब जीते जी के झगड़े हैं,ये मेरा है,वो तेरा है।जब तन से स्वांस निकल गई,क्या तेरा है क्या मेरा है।
प्रभु ने जो स्वासें दी तुझको,इनको ना व्यर्थ गंवाया कर।कुछ पल फुरसत के लेकर,श्री श्याम शरण में आया कर।🌺🌺🌺🌺🌺 उस प्रभु का हर पल शूकर करें,हम स्वांस स्वांस में जीकर करें।🌺🌺🌺🌺🌺🌺जब अपने संग है सांवरिया,किस बात की हम फिर फिकर करें।
सब जीते जी के झगड़े हैं,ये मेरा है,वो तेरा है।जब तन से स्वांस निकल गई,क्या तेरा है क्या मेरा है।