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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Suno re pyare bhai hari ke bharose, सुनो रे प्यारे भाई,हरी के भरोसे हांको गाड़ी,nirgun bhajan

सुनो रे प्यारे भाई,हरी के भरोसे हांको गाड़ी

सुनो रे प्यारे भाई,हरी के भरोसे हांको गाड़ी।हरी के भरोसे हांको गाड़ी,प्रभु के भरोसे हांको गाड़ी।

ना जाने कब टूट पड़ेगी,माथे पे काल कुल्हाड़ी।हरी के भरोसे हांको गाड़ी।

पांच तत्व से बनी कोठरिया, जिसका नाम है काया।हर एक जीव रहे इस घर में,देकर स्वांस किराया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺स्वांस की पूंजी जब लूट जाए,पछताएगा अनाड़ी।हरी के भरोसे हांको गाड़ी।

सुनो रे प्यारे भाई,हरी के भरोसे हांको गाड़ी।हरी के भरोसे हांको गाड़ी,प्रभु के भरोसे हांको गाड़ी।

हम सब जिसको कहते हैं दुनिया, वह एक दर्शन मेला। एकदींन ऐसा आए यहां जब, उड़ता हंस अकेला।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कोई भी तेरे साथ न जाए,रह जाए दुनियां सारी।हरी के भरोसे हांको गाड़ी।

सुनो रे प्यारे भाई,हरी के भरोसे हांको गाड़ी।हरी के भरोसे हांको गाड़ी,प्रभु के भरोसे हांको गाड़ी।

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