आए सजधज के बाराती हैं
Category: रानीसती दादी भजन लीरिक्स
और रंग दे रे भाया, और रंग दे।
दादी थारो रूप मन भायो,जियो हर्सायो
चुनर तो ओढ म्हारी दादी सिंहासन बैठी जी
चुंदड़ी ओढ़ के राखिजे, मैया मन ना दिजे उतार।
तूं छोटी सी बनडी लागे
एकबार आओ जी दादीजी पावना
सावन को महीनो, मन में उठे हिलोर।
गाजे-बाजे से पधारो दादी आज, उड़ीके थारा टाबरिया।
दादी चुनरिया थारी चमचम चमके
You must be logged in to post a comment.