तर्ज, मेहंदी लगा के रखना घर को संवारे रखना, आंगन बुहारे रखना। आएगी मेरी मैया थोड़ा इंतजार करना।घर को संवारे रखना, आंगन बुहारे रखना। आएगी मेरी मैया थोड़ा इंतजार करना। रखना मंगा कर चुनरी, चुड़ा मँगाके रखना।रखना मंगा के रोली,मेहंदी मंगा के रखना।रखना मंगा कर चुनरी, चुड़ा मँगाके रखना।रखना मंगा के रोली,मेहंदी मंगा के रखना।फूलों […]
Category: रानीसती दादी भजन लीरिक्स
हीरा सु जड़ी है या तो मोतया सु जड़ी। दादी औढो नी एक बार, लाया हां थारी लाल चुनरी।दादी औढो नी एक बार, लाया हां थारी लाल चुनरी। लाल चुनरी रे थारी लाल चुनरी।लाल चुनरी रे थारी लाल चुनरी।दादी औढो नी एक बार, लाया हां थारी लाल चुनरी।दादी औढो नी एक बार, लाया हां थारी […]
मेरी कुटिया की मालिक वो, घर मेरा नहीं उसी का है।मेरी कुटिया की मालिक वो, घर मेरा नहीं उसी का है। दादी की कृपा से हर पल, घर में माहौल खुशी का है।मेरी कुटिया की मालिक वो, घर मेरा नहीं उसी का है।मेरी कुटिया की मालिक वो, घर मेरा नहीं उसी का है।दादी की कृपा […]
जय दादी की जय दादी की। दादी दादी जपे जा सुबह शाम, भगत सुख पायेगा।दादी दादी जपे जा सुबह शाम, भगत सुख पायेगा। दादी संग में रहेगी आठों याम ,भगत सुख पायेगा। जय दादी की जय दादी की। सारे जग की सेठानी यह, झोली सब की भर्ती। चुनरी के पले से दादी, सुख की वर्षा […]
चिंतन करते हम मैया के, चिंता कोई करे ना। मस्ती में रहते हैं हर पल, दुनिया से क्या लेना। हम हैं दादी जी की सेना ,सुन लो हम है दादी जी की सेना।हम हैं दादी जी की सेना ,सुन लो हम है दादी जी की सेना। अपना कोई काम नहीं बस, मैया को रीझाते हैं। […]
उत्सव तेरा मनाए दादी, आए तुझे रीझाने को। दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को।दादी के रहते क्या चिंता दादी के दीवाने को। जब राह दिखे ना कोई, हम सीधा झुंझुनू आते हैं। हर साल तेरे उत्सव में, हम लांबी धोक लगाते हैं।जब राह दिखे ना कोई, हम सीधा झुंझुनू आते हैं। हर […]
थोड़ा सा कर ले सबर मैया, थाने सोहनी उढास्यां चुनर मैया।सोहनी उढास्यां चुनर मैया। ई बात को लागे डर मैया। डर लागे ना थारे नजर मैया।डर लागे ना थारे नजर मैया। पोत तो है मंगवायो जयपुर से बढ़िया। मुंबई से मंगवायो नग बढ़िया-बढ़िया।पोत तो है मंगवायो जयपुर से बढ़िया। मुंबई से मंगवायो नग बढ़िया-बढ़िया। कोलकाता […]
दादी जी पधारो म्हारे आंगनिया, थाने तो बुलावे थारा टाबरिया
तु क्यों भटक रहा है सेठ, साहूकार के।तु क्यों भटक रहा है सेठ, साहूकार के। जो चाहे मांग दादी से, झोली पसार के।तु क्यों भटक रहा है सेठ, साहूकार के।तु क्यों भटक रहा है सेठ, साहूकार के। जो चाहे मांग दादी से, झोली पसार के। कितना ही बड़ा सेठ हो कैसा हो साहूकार। राजा हो […]
बन जाऊं सेठ ऐसी बांध पगड़ी। थारे मेंले में चढ़ाऊ मेरी दादी, में हीरा मोतयों वाली चुनरी।थारे मेंले में चढ़ाऊ मेरी दादी, में हीरा मोतयों वाली चुनरी। सारो गांव बोले तू है जग सेठानी।सारो गांव बोले तू है जग सेठानी। चुनरी में देख बोले मोटी सेठानी। ओढ़ता ही हो जा तेरी शान तगड़ी।थारे मेंले में […]
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