तर्ज,एक परदेशी मेरा दिल
दादीजी का लाड़ मिलकर सारा करांगा,चालो चालो दादी का,सिंधारा करांगा।
झुंझनू वाली मैया थाने,घर में बुलावांगा। राचणी सुरंगी मेहंदी,हाथों में मंडवावांगा।लाल लाल हाथ मेहंदी, थारा करांगा।🌹🌹चालो चालो दादी का,सिंधारा करांगा।
आंगनिये में थारो दादी,झूलो म्हे घलावांगा।होले होले झोटा देकर,थाने म्हे झुलावांगा।दादी थारा चाव घणा, न्यारा करांगा।🌹🌹चालो चालो दादी का,सिंधारा करांगा।
बुंदिया भुजिया दादी थारे,भोग लगावांगा।चौकी पर बैठाकर थाने,हाथा से जिमावंगा। जिम्यां पीछे लून राई वारा करांगा।🌹🌹चालो चालो दादी का,सिंधारा करांगा।
दादीजी का लाड़ मिलकर सारा करांगा,चालो चालो दादी का,सिंधारा करांगा।