जबसे देख्यो है थारो श्रृंगार दादी, फिको लागे है सारो संसार दादी।२
नथली थारी चमचम चमके,कंगना चूडो खनखन खनके।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 गज्जब ढाए यो नौलखो हार दादी। फिको लागे है सारो संसार दादी।२
जबसे देख्यो है थारो श्रृंगार दादी, फिको लागे है सारो संसार दादी।२
सूरज सो थारो रूप यो दमके,नैना से ममता को अमृत बरसे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 गुड़ से मिठो लागे,थारो प्यार दादी।फिको लागे है सारो संसार दादी।२
जबसे देख्यो है थारो श्रृंगार दादी, फिको लागे है सारो संसार दादी।२
बोरलो सर पे काना में बाली, ओढ़ी थे चुनरी तारा वाली।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹रची हाथों में मेहंदी,कमाल दादी।फिको लागे है सारो संसार दादी।२
जबसे देख्यो है थारो श्रृंगार दादी, फिको लागे है सारो संसार दादी।२
काम घणा में छोड़के आई,भूल गई के सोचके आई।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 देखयो जबसे यो थारो दरवार दादी।फिको लागे है सारो संसार दादी।२
जबसे देख्यो है थारो श्रृंगार दादी, फिको लागे है सारो संसार दादी।२
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