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tulsi ji bhajan

Ni me angana me tulsi lagaye rakhti,नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती,tulsi ji bhajan

नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।
नी में पता होता आज मेरे गणपत ने आना।
मैं तो लड्डू का भोग बनाए रखती।
में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

नी मैं पता होता आज मेरे भोले ने आना।मैं तो भांग का भोग मंगाए रखती। 🌺🌺🌺🌺🌺
मैं तो भांग धतूरा मंगाए रखती।
नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती

नी में पता होता आज मेरे विष्णु ने आना।
नी में छप्पन भोग बनाए रखती। 🌺🌺
नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

नी मैं पता होता आज मेरे राम ने आना। 🌺🌺
नी में बेरो का भोग मंगाए रखती।
नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

नी मैं पता होता आज मेरे राम ने आना। 🌺🌺
नी में बेरो का भोग मंगाए रखती।
नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

नी मैं पता होता आज मेरे कान्हा ने आना।
नी में माखन और मिश्री मंगाए रखती।🌺🌺नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

नी मैं पता होता आज मेरे हनुमत ने आना।
नी में फलों का भोग मंगाए रखती।🌺🌺🌺🌺नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

नी मैं पता होता मेरी आज मैया ने आना।
मैं तो हलवा छोले बनाए रखती।🌺🌺🌺🌺
नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

मैं पता होता आज मेरे साईं ने आना। 🌺🌺🌺
मैं तो कड़ी और चावल बनाए रखती।
नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती

नी में पता होता आज मेरे भैरव ने आना।
मैं तो दारु की बोतल मंगाई रखती।
नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती ।

नी में पता होता आज मेरी सखियों ने आना।में तो चाट पकोड़े मंगाए रखती।🌺🌺🌺🌺🌺नी में अंगना में तुलसी लगाए रखती।

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