घर घर में तुलसा सजी खड़ी, घनश्याम ढूंढ रहे गली गली। घनश्याम ढूंढ रहे गली गली शालिग्राम ढूंढ रहे गली गली।🌺🌺🌺🌺🌺घर घर में तुलसा सजी खड़ी, घनश्याम ढूंढ रहे गली गली।
टीका लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी। मुझे डर है राधा प्यारीका कहीं देख ना लेवे खड़ी-खड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺घर घर में तुलसा सजी खड़ी, घनश्याम ढूंढ रहे गली गली।
झुमका लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी। नथली लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मुझे डर है राधा प्यारी का कहीं देख ना लेवे खड़ी-खड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺घर घर में तुलसा सजी खड़ी, घनश्याम ढूंढ रहे गली गली।
हारा भी लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी। कंगना लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी।मुझे डर है राधा प्यारी का कहीं देख ना लेवे खड़ी-खड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺घर घर में तुलसा सजी खड़ी, घनश्याम ढूंढ रहे गली गली।
पायल लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी।बिछुवा भी लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी।मुझे डर है राधा प्यारी कहीं देख ना लेवे खड़ी-खड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺घर घर में तुलसा सजी खड़ी, घनश्याम ढूंढ रहे गली गली।
लहंगा लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी।चुनरी लाया पहनो प्यारी क्यों सोच रही तुम खड़ी खड़ी।मुझे डर है राधा प्यारी कहीं देख ना लेवे खड़ी-खड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺घर घर में तुलसा सजी खड़ी, घनश्याम ढूंढ रहे गली गली।