तर्ज,कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो
मैया कैसी मनोहर गलियां सजी।२।
मईया भैया मेरा डालियां ले आया।२। उस डालियां में चंपा चमेली भरी।🌺🌺🌺🌺मैया कैसी मनोहर गलियां सजी।
मईया भैया मेरा, हलवा ले आया।२। उस हलवे में मेवा,चिरोंजी पड़ी।🌺🌺🌺🌺मैया कैसी मनोहर गलियां सजी।
मैया भाभी मेरी नथली ले आई।२। उस नथली में हीरे की लड़ियां जड़ी।🌺🌺🌺मैया कैसी मनोहर गलियां सजी।
मैया भैया बलमा मेरे चुनरी ले आए।२। उस चुनरी में गोटा किनारी लगी।🌺🌺🌺🌺मैया कैसी मनोहर गलियां सजी।
मैया सखियां ढोलक ले आई।२।ढोलक पे बजे है भजन की कड़ी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺मैया कैसी मनोहर गलियां सजी।