माला रो मणियो,
भजन वाली डोरी।
Tag: Ek tulsi ki mala
तुलसां जी घेर घुमेर,में वारी जाऊं सांवरिया
तुलसां में मेरे भगवान, में माला फेरूँ तुलसां की
सीता तुलसी मनावे सबेरे उठ के
कहां से आई तुलसां, कहां से सियाराम
मेरे अंगने में तुलसी का ब्याह सखियों।
तुलसी तेरी पत्ती में श्याम बसते
तुलसां कर आई चारों धाम
राधे पूछ रही तुलसां से, तुलसां कहां तेरा ससुराल।२।
मेरी सुख गई तुलसी,पानी के बिना।
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