कन्हैया प्रेम की बंसी बजाना तुम को आता है।
Tag: Abki mohan jaldi aao prem ki ekadashi
कन्हैया प्रेम की बंसी बजा दोगे तो क्या होगा।
सारे जग में नाम कमायो रे ,
मीरां मेड़तणी ।
भजन कर मोहन मुरारी का, छोड़ मोह दुनियादारी का।
अब आन मिलो मोहन,
तन्हाई नहीं जाती,
में तो गोपाल गोपाल गाती रहूं।अपने प्यारे मोहन को बुलाती रहूं।
ओ मोहन तेरे हो गए हम,
प्यार में तेरे खो गए हम,
व्रत ग्यारस का सबसे महान
करो नित विष्णु जी का ध्यान।
ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।
मेरे घर आए बृजवासी में ग्यारस उपासी।
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