कन्हैया प्रेम की बंसी बजाना तुम को आता है।
लगा के प्रीत इस दिल से निभाना तुम को आता है।
कन्हैया प्रेम की बंसी बजाना तुम को आता है।
चुरा लेते हो इस दिल को इशारो ही इशारो में।
दिखा के सवारी सूरत निभाना तुम को आता है।
कन्हैया प्रेम की बंसी बजाना तुम को आता है।लगा के प्रीत इस दिल से निभाना तुम को आता है।
बजा के रस भरे होठो से मोहन चैन की बंसी।
चला के तीर नजरो का फ़साना तुम को आता है।
कन्हैया प्रेम की बंसी बजाना तुम को आता है।लगा के प्रीत इस दिल से निभाना तुम को आता है।
ना जाने कौन सी लीला है ये राधा रमन तेरी।
यु ही बातो ही बातो में सताना तुम को आता है।
कन्हैया प्रेम की बंसी बजाना तुम को आता है।लगा के प्रीत इस दिल से निभाना तुम को आता है।