तीन बाण तरकश में,कांधे धनुष उठाया है।
Tag: aarti shyam baba ki
श्याम को घोरलियो सिंगार
मुझको बाबा का सहारा मिल गया।
थारी चाकरी में चूक कोनी राखुं म्हारा सांवरिया,
कभी रूठना ना मुझसे तूं श्याम सांवरे।
गर तूं चाहे जो सांवरा, मेरा काम हो जाये
सांवरे की महफिल को, सांवरा सजाता है।
मेरे सीर पे सदा तेरा हाथ रहे
सांवल सा आया भरण ने देखो मायरो।
मुझको अगर तूं फूल, बनाता ओ सांवरे
You must be logged in to post a comment.