तर्ज,मोरिया आछो बोलयों रे ढलती रात ने
सांवल सा, आया भरण ने देखो मायरो।मायरो,मायरो।सुनकर नानी बाई की करुण पुकार सांवरा।आया भरण ने देखो मायरो।
सांवल सा, छप्पन करोड़ को, ल्याया मायरो।मायरो,मायरो। ल्याया ल्याया रे संग रानी, रुकमण नार सांवल सा।🌹🌹🌹🌹🌹आया भरण ने देखो मायरो।
सांवल सा, नरसी जी गावे नाचे मोड़िया।मोड़िया,मोड़िया।लेकर हाथों में इकतारा और करताल सांवल सा।🌹🌹🌹🌹🌹आया भरण ने देखो मायरो।
सांवल सा, बाई ने ऊढाव जद चुंदड़ी।चुंदड़ी,चुंदड़ी।नानी बाई मिलीया दोनू हाथ पसार सांवल सा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹आया भरण ने देखो मायरो।
सांवल सा, बांटी बधाई, सगले गांव में।गांव में,गांव में।कर रहया नगरी रा,सब वासी जै जै कार सांवल सा,🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹आया भरण ने देखो मायरो।
सांवल सा, सासु ननद सगली, मुलके।मुलके,मुलके।अब तो देवरियो नाराणों करे है लाड़ सांवल सा।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹आया भरण ने देखो मायरो।
सांवल सा, भगतां रा कारज सगला सारिया।सारिया,सारिया।गावे भक्तां थारी महिमा,करो उपकार सांवल सा।🌹🌹🌹आया भरण ने देखो मायरो।
सांवल सा, आया भरण ने देखो मायरो।मायरो,मायरो।सुनकर नानी बाई की करुण पुकार सांवरा।आया भरण ने देखो मायरो।