कोई कहे जगदंबे, कोई कहे ज्वाला।
Tag: Aagre ko ghaghro me layi
तेरा नगरकोट स्थान, स्थान,पीपल पर भवानी झूल रही।
इस महारानी के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
गढ़ दे सुनार कंगना,मैया को पहनाऊंगी
मेरी मैया रानी आजा,तेरी बाट निहारूं खड़ी खड़ी
जयपुर की चुनरिया मे लाई शेरावालिए
जंगल में मंगल कर गई रे मेरी शेरावाली मईया
मने नौकर रख ले मां अपने दरबार में
में तो जगराता कराऊं मेरी मां, भवानी मेरे घर आईयो
जरा पर्वतों से होले होले आ, मात शेरावालिये
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