इस महारानी के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
शेर पर चढ़कर या रण में आवे। रणभूमि में दो हाथ दिखावे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 इसके शेर ने देखकर कहीं पागल ना हो जाऊं।इस महारानी के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
इसके सिर पर मुकुट विराजे। इस केतन में चोला साजे। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺इसके चोले ने देखकर, कहीं पागल ना हो जाऊं।।इस महारानी के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
दर्शन का तने मौका मिल रहया। इसके रूप गजब का खिल रहया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺में इसके रूप को देखकर कहीं पागल ना हो जाऊं।इस महारानी के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।
कहे मैया मेरी शरण में आजा। एक वे आके दरस दिखा जा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 इसके दर्शन पाकर कहीं पागल ना हो जाऊं।इस महारानी के प्यार में कहीं पागल ना हो जाऊं।