जल बरसे बिजुरिया चमके, चमके मोरे राम॥
Category: विविध भजन
कोई पीवे है राम रस प्याला, कोई पीवे हरि रस प्याला।
जाने किस-किस को नाच नचा गई रे, माया की चिरैया।
जिसके ह्रदय में राम नाम बंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।
माता पिता है भगवान, दुनिया दिखाई आपने।
नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का….
पिया तोड़ दो बंधन आज,
की अब रूह मिलना चाहती है,
कान्हा ये दुनियां मतलब की दुनियां में अपना कोई नहीं।
हरी नाम सुमर बन्दे हर दुःख टल जाएगा,
नदियाँ रो नीर सांवरा ,
रोक ने बतावो।
म्हारे नैणा माँहिलो नीर ,
रुकेला कोनी रे।
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