कोई पीवे है राम रस प्याला, कोई पीवे हरि रस प्याला। जिस अंगना में यह रस बरसे, वहां आते हैं मदन गोपाला।
इस प्याले को मीरा पी गई। वह विष अमृत कर डाला,कोई पीवे हरि रस प्याला। 🌺🌺🌺🌺जिस अंगना में यह रस बरसे, वहां आते हैं मदन गोपाला।
तुम भी पी लो प्रहलाद भी पी गए। जंगल में मंगल कर डाला, कोई पीवे हरि रस प्याला। जिस अंगना में यह रस बरसे, वहां आते हैं मदन गोपाला।
इस प्याले को सबरी पी गई। उन्हें हरि दर्शन दे डाला, कोई पीवे हरि रस प्याला। जिस अंगना में यह रस बरसे, वहां आते हैं मदन गोपाला।
गज ग्राह लड़े जल भीतर। दोनों का फंद छुड़ा डाला,कोई पीवे हरि रस प्याला। जिस अंगना में यह रस बरसे, वहां आते हैं मदन गोपाला।
इस प्याले को नरसी पी गए। पाटे पर दरस दे डाला, कोई पीवे हरि रस प्याला। जिस अंगना में यह रस बरसे, वहां आते हैं मदन गोपाला।
ऋषि मुनि सब संत भी पी गये। मन मंदिर में करे उजाला, कोई पीवे हरि रस प्याला। जिस अंगना में यह रस बरसे, वहां आते हैं मदन गोपाला।