शब्द संभाल के बोलिये, शब्द के हाँथ न पाँव रे।
Category: विविध भजन
समय को काट लो भैया किसी बहाने से।
वाह वाह रे दुनियां मतलब की, दुनियां में किसी का कोई नहीं
फुलड़ा परबत में खिल ग्या,
नारायण साढू ने मिल ग्या।।
हरिया हरिया बागा में,
बोल रे सुवटिया,
कल्याण मेरे इस जीवन का भगवान न जाने कब होगा
ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है।
राम का नाम भूलाइए मत ना। गुरुजी का मान घटाईए मत ना
ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े
तुझ पे सवार है जो, मेरा सुहाग है
सतरंगी चुनरियाँ गजबण,
लहरियो, लहरावे,
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