ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े
तुझ पे सवार है जो, मेरा सुहाग है वो।
रखियो रे आज उनकी लाज हो।
तेरे कंधों पर आज भार है मेवाड़ का,
करना पड़ेगा तुझको सामना पहाड़ का,
हलदी घाटी नहीं है काम कोई खिलवाड़ का,
देना जवाब वहाँ शेरों की दहाड़ का,
घड़ियां तूफ़ान की हैं,तेरे इम्तहान की हैं,
रखियो रे आज उनकी लाज हो,
ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े
तुझ पे सवार है जो, मेरा सुहाग है वो।
रखियो रे आज उनकी लाज हो।
छक्के छुड़ा देना तू दुश्मनों की चाल के,
उनकी छाती पे चढ़ना पाँव तू उछाल के,
लाना सुहाग मेरा वापस तू सम्भाल के,
तेरे इतिहास में अक्शर होंगे गुलाल के,
चेतक महान है तू,बिजली की बान है तू,
रखियो रे आज उनकी लाज हो,
ओ पवन वेग से उड़ने वाले घोड़े
तुझ पे सवार है जो, मेरा सुहाग है वो।
रखियो रे आज उनकी लाज हो।