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विविध भजन

Mharo pyaro rajasthan ratnaro rajasthan,सतरंगी चुनरियाँ गजबण,लहरियो, लहरावे,

सतरंगी चुनरियाँ गजबण,
लहरियो, लहरावे,

सतरंगी चुनरियाँ गजबण,
लहरियो, लहरावे,
पहनावों है रंग रंगीलो,
पेचों मान बढ़ावे,
सोना री नथनी प्यारी,
झुमका झूमें कान,
देव बसे हैं कण कण में,
रत्ना रो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान,

म्हारो प्यारो राजस्थान,
म्हारो प्यारो राजस्थान,
रत्ना रो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान,
धरती है या वीरा री,
धरती है या वीरा री,
उजळी ऊँची शान,
देव बसे हैं कण कण में,
रत्ना रो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान,
म्हारो प्यारो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान।

माँ करनी और कैला देवी,
सती घणी पुजवाए,
रामदेव जी साँवणिया,
खाटू को श्याम बुलावे,
मेहंदीपुर या सालासर,
बालाजी करूँ प्रणाम,
देव बसे हैं कण कण में,
रत्ना रो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान,
म्हारो प्यारो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान।

एक लिंग री धरती पावन,
हियो घणो हर्षावे रे,
महाराणा प्रताप रो ग़ौरव,
स्वाभिमान जगावे रे,
अमर है धरती मीरा री,
पथ्वी राज महान,
देव बसे हैं कण कण में,
रत्ना रो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान,
म्हारो प्यारो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान।

कैर सांगरी, दाल चुरमों,
घी गलगच्चा बाटी रे,
खीचड़ छाछ राबड़ी,
राघव मूंछ्या के दे आंटी रे,
कलाकंद मिष्ठान जलेबी,
जीमो जी जजमान,
देव बसे हैं कण कण में,
रत्ना रो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान,
म्हारो प्यारो राजस्थान,
रतना रो राजस्थान।

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