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Ishwar Jo kuch karta hai achha hi karta hai,ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है।

ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है।

तर्ज, यह दिल जो प्यार करेगा

ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है
ईश्वर जो कुछ…

जब से दुनिया बनी है तब से रोज बदलती है २
जो शय आज यहां है २ कल वो आगे चलती है
देख के अदला बदली तू आहेँ क्यों भरता है
आहेँ क्यों भरता है।


ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है।

दुख सुख आते जाते रहते सबके जीवन में २
पतझड़ और बहारें दोनों जैसे गुलशन में
चढ़ता है ।तूफान कभी और कभी उतरता है।


ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है।

कितनी लम्बी रात हो फिर भी दिन तो आएगा २
जल में कमल खिलेगा फिर से वो मुसकाएगा।
देता है जो कष्ट वही कष्टों को हरता है
कष्टों को हरता है।


ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है।

वो ही दाना फलता है जो मिट्टी में मिल जाए २
सहे पथिक जो कांटे वही मञ्जिल अपनी पाए।
भट्टी में पड़कर सोने का रंग निखरता है,
रंग निखरता है।


ईश्वर जो कुछ करता है अच्छा ही करता है। मानव तू परिवर्तन से काहे को डरता है।

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