सियारानी का अचल सुहाग रहे
Category: राम भजन लिरिक्स
दशरथ के राजकुमार,
वन में फिरते मारे मारे,
राम को देख कर के जनक नंदिनी,
बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गयी
ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां।
राम जी से पूछे जनकपुर के नारी
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो।
सुनो सिया मेरी बात,राम फूल बगिया में आए हैं।
आते जाते हुए गुनगुनाया करो।
राम बोला करो राम गाया करो
राम जी रो नाम म्हाने,मिठो घणो लागे रे।
सीता राम सीता राम, सीता राम बोल
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