सुन इकतारे आली,तेरा भूखा मरगया हाली रे
Tag: mukut
शरण में आ गया मैया,ना खाली हाथ जाऊंगा,
हारे मीठा बोलोनी,ओशी उम्र में थोड़ो जीवनो रे,
बजरंगी तुझे मनाऊ सिंदूर लगा लगा के।
आया है कार्तिक मास दीप तुलसा में जलाऊंगी।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
मैया ओढ़ चुनरिया लाल हमारे घर आ जाना।
खोलो हृदय के ताले माँ लक्ष्मी मेरा भाग लिख दो।
अबकी मोहन जल्दी आओ प्रेम की एकादशी।
भोर भई चिड़िया चैंचायी, कान्हा कलेवा मांगे राम
You must be logged in to post a comment.