भक्तों पर कृपा करें , साँवल शाह सरकार
Tag: tere dar pe sar jhukana
निर्धन रो धन गिरधारी,निर्धन रो धन साचो रे सांवरा
मोहन मुरारी बने मनिहारी,नर से नारी बने नंदलाला
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ।
दूध छटी को याद दिलाऊँ,अइयो सावरे।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना