आज घर में मैने कीर्तन, कराया है मां।सबको बुलाया है मां।ये बता दो मैया जी, कोई कमी तो नहीं। कमी तो नहीं।
मैने फूलों का आसन सजाया है। उस आसन पर मां को बिठाया है।🌺🌺🌺🌺चौकी भी बड़े प्रेम से लगाई है मां,खुशी पाई है मां।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ये बता दो मैया जी, कोई कमी तो नहीं। कमी तो नहीं।
आज घर में मैने कीर्तन, कराया है मां।सबको बुलाया है मां।ये बता दो मैया जी, कोई कमी तो नहीं। कमी तो नहीं।
फूल श्रद्धा का तुमको, चढ़ाया है।और कलियों का तुमको,चढ़ाया है।🌺🌺🌺🌺लाल चुनरी भी तुमको ऊढ़ाई है मां,खुशी पाई है मां।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ये बता दो मैया जी, कोई कमी तो नहीं। कमी तो नहीं।
पंच मेवों का भोग लगाया है और चरणों में शीश झुकाया है।पहले गणपत जी हमने मनाया है मां,मंगल गाया है मां।ये बता दो मैया जी, कोई कमी तो नहीं। कमी तो नहीं।
आज घर में मैने कीर्तन, कराया है मां।सबको बुलाया है मां।ये बता दो मैया जी, कोई कमी तो नहीं। कमी तो नहीं।