दादी चुनरी मुलायी,तने भाई की ना भाई
Tag: Jhunjhnu wali dadi ye bulawa
चांदी की कटोरी में धुलवाई,मंडवाले दादी में मेहंदी ल्यायी
झूलो घाल्यों रे कदम की डार,दादी म्हारी झूल रही।
नाचो गाओ खुशी मनाओ,झुमो रे सब आज,की दादी आई है।
दादीजी का लाड़ मिलकर सारा करांगा
हरियाली तिजां में थारो, रलमिल करस्यां आज सिंधारो
सावन झुमतो आयो रे दादी,हींडो म्हे घलवायों
झुंझनु वाली दादी ये बुलावां थाने आज।