सिंदूरी तन मन को मोहे,
मुखड़ा लाल ही लाल है,
Tag: hare ka sahara
मोर नाचे मोर नाचे मोर नाचे रे,
धुन मुरली की सुन के मोर नाचे रे,
सांवरिया लो संभाल कही न खो जाऊ,
सेवक के प्राण पुकार रहे, गुरुदेव हरे गुरुदेव हरे।
जीवन में जी कर देख लिया,
आराम तो है पर चैन नहीं।
काली कमली के नीचे आजा क्यों भीजे राधा खड़ी-खडी।
तेरी कैसे मुक्ति होए, हां होए, तने बरत करे ना ग्यारस के।
खाटू नरेश दिलदार दुनिया, सारा जग जाने।
श्याम मेरा में श्याम की होई रे। अब क्या करेगा कोई रे।
तुलसी कहां से लाऊं रे श्याम तुलसी पर मचले।
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