मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी, तीर्थ नही जाउंगी।
Tag: Bhakto ki bheed apar maiyaji tere mandir
मंदिर में जोगणिया लांगुर से झगड़ी। तूं क्यों नहीं लाया रे मैया की चुनरी।
भक्तों फूल बरसाओ,मेरी कैला मां आई है।मेरी दुर्गे मां आई है।
ऊंचा मंदिर तेरा मां, कैसा घनघोर
मैया चेहरे से घुंघट हटा दो,मैने जी भरकर देखा नहीं है।
लाल लाल चुनरी मैया तेरी लेकर आयेंगे
जो नौ दिन मैया ने मनावेगी, वा तो छिक छीक मौज उड़ावेगी
आगे लाल लंगोटे वाला,पीछे भैरों बाबा।बीच में भवानी आई रे, मां कालका
भक्तों की भीड़ अपार, मैया जी तेरे मंदिर में
भीड़ पड़यां थाने आयां सरसी। यो दुःखडो तो मिटायां सरसी।
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