मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
Tag: Bhakto ki bheed apar maiyaji tere mandir
भक्ति रो दान म्हाने देवजो,
गुरु देवो रा देवा रे,
देख तेरे मंदिर पुजारी आ गए।चलते चलते हरि की पौड़ी आ गए।
मईया तेरा मंदिर सुहाना,
यहाँ रोज भक्तो का आना जाना
मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे,
मन मंदिर में ज्योत जला के बोलो गणेश का जयकारा।
मंदिरियो लागे बाबा प्यारो जहाँ में थारो रुतबो है न्यारो
मेरी मैया के दो बोल प्यारे प्यारे। वह तो है जिंदगी के सहारे
बना है फूलों का मंदिर, कहीं वह बिखर ना जाए
भक्तों के घर भी सांवरे,आते रहा करो
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