मंदिर लगी रौशनी बुझाऊँ कैसे,
मेरा रूठ गया सांवरिया कैसे,
Tag: Bana hai phoolo ka mandir
तुम हो गुलाब का फूल सतगुरु मेरे।
देख तेरे मंदिर पुजारी आ गए।चलते चलते हरि की पौड़ी आ गए।
मईया तेरा मंदिर सुहाना,
यहाँ रोज भक्तो का आना जाना
मन मंदिर में ज्योत जला के बोलो गणेश का जयकारा।
मंदिरियो लागे बाबा प्यारो जहाँ में थारो रुतबो है न्यारो
क्या चढ़ाऊं में भोले पर,फूल नहीं मेरा दिल है
बना है फूलों का मंदिर, कहीं वह बिखर ना जाए
सिया राम के मधुर मिलन से, फूल बगिया मुस्काये
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी, तीर्थ नही जाउंगी।
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