तुझे किसने सजाया औ राधे। तूं दुल्हन सी लागे ओ राधे।
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राधे जी के हृदय पटल पर वास तिहारो बिहारी।
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मेरे मन की फसी पतंग किशोरी तेरे महलन में।
झूम झूम के, नाच नाच के, मन की लगन मिटाऊं। राधे राधे गांऊं।
में वन का मोर बन जाऊं,और गाऊं राधे राधे।