सबको देती है मईया, अपने ख़ज़ाने से।
Tag: Aaja bhawani tere charan dhulaungi
अपने ही रंग में रंग डाली चुनरिया तेरी।
फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई
मैया तो मेरी शरद पूनम का चांद है
एक हार बना माली, शेरावाली को पहनाना है
मैया भवन में कैसे आऊं, तेरा शेर खड़ा पेहरे पे
कौन जागेगा सारी रात मैया के जगराते में।
नाचेंगे सारी रात मैया के जगराते में
गुड़हल के फूलों में कौन गुण है,नौ बहिनी लुभानी।
मंदिर में उड़े रे ग़ुलाल,
गुलाबी रंग प्यारा लगे
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