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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Fir tere darwar pe ma sar ko jhukane aa gayi, फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई,durga bhajan

फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई

फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई।जो गुजरती है मेरे पे,उसको सुनाने आ गई।

लाखों पर्दों के अंदर, तू छुपी है मेरी मां।फिर तेरे दरबार पर मां, पर्दा हटाने आ गई।🌺जो गुजरती है मेरे पे,उसको सुनाने आ गई।फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई।फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई।

भेंट चढ़ाने को मां टूटे, दिल के सिवा कुछ भी नही।दिल के टुकड़े टुकड़े करके, भेंट चढ़ाने आ गई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जो गुजरती है मेरे पे,उसको सुनाने आ गई।फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई।

माना की मेरी मां, यह सर तेरे झुकने के काबिल नही है।शायद बदलोगी मुकद्दर, यह आजमाने आ गई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जो गुजरती है मेरे पे,उसको सुनाने आ गई।फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई।

फिर तेरे दरबार पे मां, सर को झुकाने आ गई।जो गुजरती है मेरे पे,उसको सुनाने आ गई।

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