हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
Category: राम भजन लिरिक्स
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी
आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया।।
मै कहाँ बिठाऊं राम, कुटिया छोटी छोटी सी।
मेरे राम वन वन भटक रहे,मेरी सिया गई तो कहां गई।
राम लखन दोनों भैया, बिहाने सीता मैया, मुनि के संग आए हैं
सिया राम के मधुर मिलन से, फूल बगिया मुस्काये
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी, तीर्थ नही जाउंगी।
हरि का भजन करो,हरि है तुम्हारा
सखी री मैं तो बगिया में देख आई राम,
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