जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने
Category: राम भजन लिरिक्स
मेरी डलिया में राम मेरे हाथों में श्याम,में बेचूं सुबह शाम
गोकुल में भागवत मथुरा में गीता
विष्णु जी के नख से निकली,गंगा मां की धार है
हे राम तेरी दुनियां में कौन सुखी
भर लाई रे गगरिया राम रस की
चंदा भी देख शरमाया,सिया जी तुम्हे किसने सजाया।
चंदा छुपजा रे बादल में म्हारो, राम गयो बनवास।
भए प्रकट कृपाला दीनदयाला,कौशल्या हितकारी
तुम उठो सिया सिंगार करो,शिव धनुष राम ने तोड़ा है।
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