तर्ज,पीछे पीछे आजा मेरी चाल देखे जाई
सुनो मेरे भाई,सुनो मेरे भाई, कहां गए मेरे भाई भोजाई।कोई तो ढूंढ के लाओ रे मेरा राम खो गया।
माता कौशल्या द्वार खड़ी है अवधपुरी में जेसे बीपद पड़ी है।कोई तो ढूंढ के लाओ रे मेरा राम खो गया।
आगे आगे राम चलत है। पीछे लक्ष्मण भाई रे, मेरा राम खो गया।कोई तो ढूंढ के लाओ रे मेरा राम खो गया।
राम बिना मेरी सूनी है अयोध्या। लक्ष्मण बिना ठाकुराई रे मेरा राम खो गया।कोई तो ढूंढ के लाओ रे मेरा राम खो गया।
सीता बिन मेरी सुनी है रसोई। कौन करे चतुराई रे, मेरा राम खो गया।कोई तो ढूंढ के लाओ रे मेरा राम खो गया।
सावन बरसे भादो बरसे। मेरी असुवन झड़ी लगाई रे, मेरा राम खो गया।कोई तो ढूंढ के लाओ रे मेरा राम खो गया।
रावण मार राम घर आए घर-घर बटत बधाई रे,मेरा राम खो गया।कोई तो ढूंढ के लाओ रे मेरा राम खो गया।
घर-घर होय रही दिवाली। तुलसीदास गुण गाए रे मेरा राम खो गया।कोई तो ढूंढ के लाओ रे मेरा राम खो गया।