जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की ।
Category: गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics
गंगा बिन तीर्थ,
एकादशी बिना व्रत कहाँ है।
रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।
आ मन बैठ जरा गुरु जी के चरणों में
जिसको नही है बोध,
तो गुरु ज्ञान क्या करे।
गुरु वचनो को रखना सँभाल के इक इक वचन में गहरा राज़ है,
मैं तो अरज करू गुरु थाने,
चरणा में राखजो माने,
मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो,
गुरु जी दां जन्मदिन-२, आया, नीं होणं बधाईयाँ-
गुरासा शरण आपरी आया,
शरणों में आया,
बहुत सुख पाया,
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