जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की ।
जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की।।
सच्चे मन से ध्यान धरे तू कोन बतावे घाट तने ।
कर बुद्धि की सुधि मिलजा ईश्वर यो कदे घाट तने ।
तू सूरत भजन में लाले फिर मेहर करे भगवान की।
जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की ।
जिव सताना जूलम कमा के मिलजा इंसान तने।
दिन रात कमाया हाथ न आया भजा नहीं भगवान् तने।
यमदूत आवे विकरालै तने चिंता हो जा ज्ञान की।
जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की ।
फिर पाछे पछतावेगा मैने क्यू ना अच्छा करम करा।
सुते बैठे हो जब चिड़िया चुगले खेत तेरा ।
यमदूत आवे विकराले तने हो जा चिता ज्ञान की।
जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की ।
गुरु तार दे पार बन्दे चरणा के मा लागे न।
फेर दुबारा टाइम मिल ना वक्त परा हैं जागे न।
दास भगत तूं करले सेवा चंद्रभान की।
जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की ।
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Ja tut bharam ke tale tu punji la guru gyan ki,जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की,guru bhajan
जा टूट भरम के ताले तू पूंजी ला गुरु ज्ञान की ।