हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे छा रही छटा निराली है।
भुत प्रेत संग में नाचे तेरे भारी धूम मचाई है
काले शेष नाग तेरे गल में न्यारी छटा दिखाई है,
शीश पे तेरे गंगा सोहे कानन कुंडल बाली है
डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली है।🌺🌺हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे छा रही छटा निराली है।
तीन लोक के नाथ है स्वामी तुम ही अंतर यामी हो
जगत पिता परमेश्वर तुम ही सारे जग के स्वामी हो
दुखियो के दुःख हरने वाले वचन न जाए खाली है
डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली है।🌺🌺हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे छा रही छटा निराली है।
गोरा मैया संग आप के जोड़ी लगे महान।
भांग धतुरा गुट मार के मस्त मगन में ध्यान। आया हूं भोले बाबा तेरे दर का सवाली हूं।
डम डम डमरू बाजे महके डाली डाली है।🌺🌺हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे छा रही छटा निराली है।
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हो भोले तेरे पर्वत पे कैसे छा रही छटा निराली है।