कलयुग कठिन पाप रो पैरो,नियम छोड़ेला नर नारी।वरुण शंकर ज्यारे पुत्र जनमसी,होसी वंश खुद्दारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺वो पांडवा कलयुग आसी भारी।कह गया…….
बुद्धिहीन कर्म रा काचा,कुल में गिन कवारी।घोरम घोर कलयुग आसी, होसि सब एकसारी। पांडवा कलयुग आसी भारी।कह गया…….
देह का नैना अकल रा ओछा, चारों वर्ण मांसाहारी। बायोडा वारे अन्न नही निपजे,काम कर कर हारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 पांडवा कलयुग आसी भारी।कह गया…….
साधु ब्राह्मण खेती करेला, भूखा मरेला भिखारी।साध सती कोई बिरला हाेसी,सब होसी घरबारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 पांडवा कलयुग आसी भारी।कह गया…….
काना नहीं सुनियो नजरा नही देखियो, पाण्डवा भली रे बिचारी।पांचों वीर द्रोपदी रानी, देह हिमालय गारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 पांडवा कलयुग आसी भारी।कह गया…….
वेद पुराण विलोय हो जासी, नीच धरा आचारी। गंगा शिव रे मुकुट मे रहसी,भक्त करे रे पुकारी। पांडवा कलयुग आसी भारी।कह गया…….
कलयुग कठिन पाप रो पैरो,नियम छोड़ेला नर नारी।वरुण शंकर ज्यारे पुत्र जनमसी,होसी वंश खुद्दारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺वो पांडवा कलयुग आसी भारी।कह गया…….