बजरंगी तुझे मनाऊ सिंदूर लगा लगा के।
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आया है कार्तिक मास दीप तुलसा में जलाऊंगी।
सर्वसुखदायिनी मैया वरदायिनी,
हे माँ नारायणी तू ही जग तारणी,
मैया ओढ़ चुनरिया लाल हमारे घर आ जाना।
खोलो हृदय के ताले माँ लक्ष्मी मेरा भाग लिख दो।
अबकी मोहन जल्दी आओ प्रेम की एकादशी।
मेरी प्यारी तुलसा जी बनेगी दुल्हनियां
दिल की हर धड़कन से,तेरा नाम निकलता हैं।
तेरा दीवाना हुआ बनवारी, सुन तुलसा प्यारी महारानी।
करके सोलह श्रृंगार, के भोला बन गये नर से नार
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