रथड़ो धीरे धीरे हांक सांवरिया,वृंदावन ले चाल
Tag: sawariya lo samhal
अंगना में तुलसी बाहर तुलसी, तुलसी बड़ी महान रे।
कुबेर चालीसा
अरी तेरे सब संकट कटि जायें,
पूजा गोवर्धन की करिलै।
माखन जो चुराया तो
चलो कोई बात नहीं,
तेरी किरपा से साँवरे, सब कुछ है मैंने पा लिया,
झुक जइयो तनक रघुवीर,सिया मेरी छोटी है,
जब मिलने को दिल चाहे तू ऐसी युगति बनाये
सुध ले लो मेरी घनश्याम,
आप आए नहीं,
मेरी माला में चौसठ मणिये, कोई राम भजनिया कोन्या
You must be logged in to post a comment.