श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी।
Tag: krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स
सावन का महीना घटाएं घनघोर
कृष्ण प्रेममयी राधा, राधा प्रेममयी हरि।
वारे म्हारा कान्हा, जोर की करि।
अधर धर मुरली बजैया की, आरती कृष्ण कन्हैया की।
एक अकेला कान्हा, और गोपी कई हजार।
मैया छोटे से कन्हैया का सिंधारा कर दे
म्हारा किशन कन्हैया, मधुवन में चालो सावन आ गयो
खीचड़लो खावन ने कान्हो आ गयो।
तुम हमारे थे प्रभुजी तुम हमारे हो
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