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आरती,aarti

Adhar dhar murli bajaiya ki, कृष्ण जी आरती

अधर धर मुरली बजैया की, आरती कृष्ण कन्हैया की।

अधर धर मुरली बजैया की, आरती कृष्ण कन्हैया की।

कृष्ण तुम मथुरा जन्म लियो। नंद घर मंगलाचार कीयो। यशोदा गोद खेलैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।

कृष्ण तुम यशोदा के छैया। श्याम बलदाऊ के भैया। बन बन गाय चरैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।

कृष्ण तुम कंसासुर मारयो। श्याम तुम भूमि भार टार्यो। कालिया नाग नथैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।

कृष्ण तुम अर्जुन के प्यारे। श्याम तुम भक्तन रखवारे। जमुना तट रास रचैया की। आरती कृष्ण कन्हैया।

आरती गाते परमानंद।मन में होता अति आनंद। विनय है लाज रखैया की। आरती कृष्ण कन्हैया की।

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