सावन का महीना घटाएं घनघोर, आज कदम की डाली झूले, राधा नंदकिशोर।
प्रेम हिंडोले, श्याम बिहारी। झूला झुलाए, सारी बृज नारी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 जोड़ी लागे प्यारी, यू चंदा और चकोर।आज कदम की डाली झूले, राधा नंदकिशोर।
झड़ी फुहार पड़े, मन को लुभावे। एक डाल सखियां, श्याम को झुलावे।🦚🦚🦚🦚🦚व्रज में आई सखियां, झूलाने नंद किशोर।आज कदम की डाली झूले, राधा नंदकिशोर।
यमुना तट पर नाचे, ता ता थैया। राधा को बुलावे श्याम, रास रचैया।🦚🦚🦚🦚🦚 ब्रज में छाई मस्ती, और मस्त हुवे वन मोर।आज कदम की डाली झूले, राधा नंदकिशोर।
देख युगल छवि मन में समाई, श्याम सुंदर की महिमा गाई।देखकर प्यारी जोड़ी मनवा, हो गए विभोर।आज कदम की डाली झूले, राधा नंदकिशोर।
सावन का महीना घटाएं घनघोर, आज कदम की डाली झूले, राधा नंदकिशोर।