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श्याम भजन लिरिक्स

Khatu ki baras hame Aaj tak yaad hai,खाटू की बारस हमें,आज तक याद है,अभी तक मुंह में,दाल चूरमें का स्वाद है,shyam bhajan

खाटू की बारस हमें,आज तक याद है,
अभी तक मुंह में,दाल चूरमें का स्वाद है।।

खाटू की बारस हमें,आज तक याद है,
अभी तक मुंह में,दाल चूरमें का स्वाद है।।

पेटी और नगाड़े संग बजती धमाल थी,🌺🌺
भक्तों की होती जुगलबंदी कमाल थी,
भजनों से सुनता बाबा सबकी फरियाद है,
अभी तक मुंह में,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
दाल चूरमें का स्वाद है।।खाटू की बारस हमे,
आज तक याद है,
अभी तक मुंह में,
दाल चूरमें का स्वाद है।

भक्तों के हाथों में जब मोर छड़ी घूमती,🌺🌺
दीन दुखियों के सर प्रेम से है चूमती,
कई प्रेमियो के घर झाड़े से आबाद हैं,
अभी तक मुंह में,
दाल चूरमें का स्वाद है।।खाटू की बारस हमें,आज तक याद है,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
अभी तक मुंह में,दाल चूरमें का स्वाद है।।

बारस की जात दे के होती जब विदाई थी,🌺
श्याम से बिछड़ के आती रुलाई थी,
पूरी होती देखी घर पे आते ही मुराद है,
अभी तक मुंह में,
दाल चूरमें का स्वाद है।।खाटू की बारस हमें,आज तक याद है,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
अभी तक मुंह में,दाल चूरमें का स्वाद है।।

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