तर्ज,कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले
खाटू नगरी में ऐसा एक गुलाब है। सारी दुनिया में सबसे लाजवाब है।
पूरा करता हर भगतो के वो खवाब है। गुलाब है लाजवाब है।
खाटू नगरी में ऐसा एक गुलाब है।
कोई बोले नाव का माझी, कोई हारे का सहारा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कोई बोले भाई मेरा है, कोई बोले बाबुल प्यारा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
क्या लिखू तू तो पूरी एक, किताब है।
खाटू नगरी में ऐसा एक गुलाब है।
बांझन के पलने झुलाये, अंधे को दर्श कराये।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
लूले भी ताली भजे, लंगड़े भी निशान चढ़ाये।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
इस की किरपा का कोई न, हिसाब है। क्या गुलाब है, लाजवाब है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
खाटू नगरी में ऐसा एक गुलाब है।
इसकी खुसबू से देखो, सारी दुनिया है महकती।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
जो शरण में तेरी आये, किरपा उनपे है बरसाती।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
बदले किस्मत की रेखा, जो ख़राब है।
खाटू नगरी में ऐसा एक गुलाब है।
जो शीश दान दे डाले, बोलो क्या नहीं दे सकता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
इस लिए तो बीच बजरिया, तेरा श्याम यही है कहता।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
दुनिया में तुमसे बड़ा न कोई नवाब है।
खाटू नगरी में ऐसा एक गुलाब है।