तू ही हमारा, एक सहारा,
तू ही है नैया मेरी, तू ही किनारा,
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ऐसी सुबह ना आए,आए ना ऐसी शाम
ये दुनिया वाले क्या जाने, मेरा आधार लखदातार।
नैया हमारी मोहन बिन मांझी चल रही है
मैं जब जब ठोकर खाती हूँ,
वो आकर संभाल लेता है,
फेरे है माला राम की,
जपे राम जी का नाम सुबहो शाम ,
मंदिर में है श्याम अकेला, हम को खाटू जाने दो
कीर्तन में प्रभु आए है,
आए हैं श्याम आए है,
पाँच तत्व का बना रे पिंजरा,
जा में बोले मेरी मैना
सिंदूरी तन मन को मोहे,
मुखड़ा लाल ही लाल है,
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