नैया हमारी मोहन बिन मांझी चल रही है।🌺🌺
तुम थाम लो मुरारी ये तो मचल रही है,
नैया हमारी मोहन,बिन मांझी चल रही है।
जग को पुकार कर के थक सा गया हूँ मोहन।
मिलता नहीं सहारा आँखें हुई मेरी नम।
तुम ही मिटा दो मोहन विपदा की ये घडी है,
नैया हमारी मोहन,बिन मांझी चल रही है।🌺🌺तुम थाम लो मुरारी ये तो मचल रही है
हमने सुना है बाबा तुम हारे के सहारे।
तू गर संभाले इसको नैया लगे किनारे।
तुम्ही सम्भालो आकर लहरों में ये पड़ी है।
नैया हमारी मोहन,बिन मांझी चल रही है।🌺🌺तुम थाम लो मुरारी ये तो मचल रही है
गर हार भी गया तो तुझको ही मैं पुकारूँ
पकड़ा है तेरा दामन इसको ना मैं बिसारुं
जन्मो जनम की यारी, दाव की अब लगी है।
नैया हमारी मोहन,बिन मांझी चल रही है।🌺🌺तुम थाम लो मुरारी ये तो मचल रही है